Sunday, 8 September 2013

जयगढ़ किला

जयगढ़
मध्ययुगीन भारत की प्रमुख सैनिक इमारतों में से एक जयगढ़ दुर्ग की खास बात यह कि इसमें तोपें ढालने का विशाल कारखाना था, जो शायद ही किसी अन्य भारतीय दुर्ग में रहा है। इस किले में रखी
‘जयबाण’ तोप को एशिया की सबसे बड़ी तोप माना जाता है। जयगढ़ अपने विशाल पानी के टांकों के लिये भी जाना जाता है। जल संग्रहण की खास तकनीक के अन्तर्गत जयगढ़ किले के चारों ओर पहाड़ियों पर बनी पक्की नालियों से बरसात का पानी इन टांकों में एकत्र होता रहा है।  इस किले का निर्माण एवं विस्तार में विभिन्न कछवाहा शासकों का योगदान रहा है, परन्तु इसे वर्तमान स्वरूप सवाई जयसिंह ने प्रदान किया। जयगढ़ को रहस्यमय दुर्ग भी कहा जाता है,क्योंकि इसमें कई गुप्त सुरंगे हैं। इस किले में राजनीतिक बन्दी रखे जाते थे। ऐसा माना जाता है कि मानसिंह ने यहाँ सुरक्षा के निमित्त यहाँ अपना खजाना छिपाया था। वर्तमान में जयगढ़ किले में मध्यकालीन शस्त्रास्त्रों का विशाल संग्रहालय है। यहाँ के महल दर्शनीय हैं।

e/;;qxhu Hkkjr ds dqN lSfud bekjrksa esa ls ,dA egyksa] cxhpksa] Vkafd;ksa] vU; HkUMkj] 'kL=kxkj] ,d lquks;ksftr rksi <ykbZ&?kj] vusd eafnj] ,d yack cqtZ vkSj ,d fo'kkydk; rksi & t;ck.k tks ns'k dh lcls cM+h rksiksa esa ls ,d gSA t;x<+ ds QSys gq, ijdksVs] cqtZ vkSj ços'k }kj if'peh }kj f{kfrt dks Nwrs gSa- ukgjx<% t;x< dh igkMf;ksa ds ihNs fLFkr xqykch 'kgj dk igjsnkj gS & ukgjx<+ fdykA ;|fi bldk cgqr dqN fgLlk /oLr gks x;k gS] fQj Hkh lokbZ eku flag f}rh; o lokbZ ek/kksflag f}rh; }kjk cukbZ euksgj bekjrsa fdys dh jkSud c<krh gSa lkaxkusj & ¼ƒ„ fdyksehVj½ & ;g Vksad tkus okys jktekxZ ij fLFkr gSA blds /oLr egyksa ds vfrfjä] lkaxkusj ds mR—"V uDdk'khnkj tSu eafnj gSA nks f=iksfy;k ¼rhu eq[; }kj ½ ds vo'ks"kks }kjk uxj esa ços'k fd;k tkrk gSA

f'kYi m|ksx ds fy, 'kgj egRoiw.kZ dsUæ gS vkSj BIis o tkyhnkj NikbZ dh bdkb;ksa }kjk gkFk ls cus cf<;k diM+s ;gka curs gSA ;g diM+k ns'k o fons'k esa çfl) gSA

cx: & ¼…† fdyksehVj½ & vtesj ekxZ ij] iqjkuk fdyk] vHkh Hkh vPNh voLFkk esa gSA ;g vius gkFk dh NikbZ ds gFkdj?kk m|ksx ds fy, mYys[kuh; gS] tgka ljy rduhdks dk ç;ksx gksrk gSA bl gFkdj?kkvksa ds fMtkbu de tfVy o efV;kys jaxks ds gksrs gSA

No comments:

Post a Comment