जूनागढ़ का किला
बीकानेर स्थित जूनागढ़ का निर्माण राठौड़ शासक रायसिंह ने करवाया था। यहाँ पूर्व में स्थित पुराने किले के स्थान पर इस किले का निर्माण करवाने के कारण इसे जूनागढ़ के नाम से जाना जाता है।
जूनागढ़ के आन्तरिक प्रवेश द्वार सूरजपोल के दोनों तरफ जयमल मेड़तियाँ और फत्ता सिसोदिया की गजारूढ़ मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो उनके पराक्रम और बलिदान का स्मरण कराती हैं। सूरजपोल पर ही
रायसिंह प्रशस्ति उत्कीर्ण है। शिल्प सौन्दर्य की अनूठी मिशाल लिए जूनागढ़ किले में बने महल और उनकी बनावट मुगल स्थापत्य कला की बरबस ही याद दिलाते हैं। किले में कुल 37 बुर्जे हैं, जिनके ऊपर कभी तोपें रखी जाती थीं। सम्भवतः राजस्थान का यह एक मात्र ऐसा किला है, जिसकी दीवारें, महल इत्यादि में शिल्प सौन्दर्य का अद्भुत मिश्रण है। गंगा निवास जूनागढ़ का ऐसा हॉल है, जिसमें पत्थर की बनावट औरउस पर उत्कीर्ण कृष्ण रासलीला दर्शनीय हैं। फूलमहल,गजमंदिर, अनूप महल, कर्ण महल, लाल निवास, सरदार निवास इत्यादि इस किले के प्रमुख वास्तु हैं।
बीकानेर स्थित जूनागढ़ का निर्माण राठौड़ शासक रायसिंह ने करवाया था। यहाँ पूर्व में स्थित पुराने किले के स्थान पर इस किले का निर्माण करवाने के कारण इसे जूनागढ़ के नाम से जाना जाता है।
जूनागढ़ के आन्तरिक प्रवेश द्वार सूरजपोल के दोनों तरफ जयमल मेड़तियाँ और फत्ता सिसोदिया की गजारूढ़ मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो उनके पराक्रम और बलिदान का स्मरण कराती हैं। सूरजपोल पर ही
रायसिंह प्रशस्ति उत्कीर्ण है। शिल्प सौन्दर्य की अनूठी मिशाल लिए जूनागढ़ किले में बने महल और उनकी बनावट मुगल स्थापत्य कला की बरबस ही याद दिलाते हैं। किले में कुल 37 बुर्जे हैं, जिनके ऊपर कभी तोपें रखी जाती थीं। सम्भवतः राजस्थान का यह एक मात्र ऐसा किला है, जिसकी दीवारें, महल इत्यादि में शिल्प सौन्दर्य का अद्भुत मिश्रण है। गंगा निवास जूनागढ़ का ऐसा हॉल है, जिसमें पत्थर की बनावट औरउस पर उत्कीर्ण कृष्ण रासलीला दर्शनीय हैं। फूलमहल,गजमंदिर, अनूप महल, कर्ण महल, लाल निवास, सरदार निवास इत्यादि इस किले के प्रमुख वास्तु हैं।
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